Monday, March 31, 2014

सच्चे संत और तपस्वी की पहचान का आसान तरीका -

स्वामी रामतीर्थ एक बार किसी तीर्थ में भ्रमण कर रहे थे। उन्होंने देखा कि एक साधुवेशधारी रेती पर बैठा हुआ है। उसके चारों ओर अग्नि प्रज्ज्वलित थी। उसके आस-पास देखने वालों की भीड़ लगी थी। पूछने पर पता चला कि वह कोई तपस्वी हैं और तप कर रहे हैं। इस पर स्वामी जी ने कहा, तप एकांत में किया जाता है। उसका सार्वजनिक प्रदर्शन उचित नहीं।

महर्षि पतंजलि ने लिखा है, समस्त द्वंद्वों को सहन करना ही तप है। आचार्य चाणक्य कहते हैं, अपनी इंद्रियों का निग्रह करना ही तप है। हम अपनी कर्मेंद्रियों-ज्ञानेंद्रियों पर संयम करें, तभी तपस्वी कहलाने के अधिकारी हैं। मुनि याज्ञवल्क्य ने भी लिखा है, वही सच्चा संत और तपस्वी है, जिसने इंद्रियों पर नियंत्रण प्राप्त करने में सफलता प्राप्त कर ली है।

आत्मसंयमी ही सच्चा तपस्वी है। बृहदारण्यकोपनिषद् में कहा गया है, स्वाध्याय से ज्ञान प्राप्त करनेवाला, यज्ञ, दानादि सत्कर्म करने वाला, दूसरों के हित के लिए तत्पर रहनेवाला ही मुनि है।

दुखद है कि धर्मशास्त्रों में साधुता, तप, उपवास आदि की जो व्याख्या की गई है, उसके विपरीत आचरण करनेवालों को ही आज संत, महात्मा, तपस्वी की संज्ञा दी जाने लगी है, पर हमें नहीं भूलना चाहिए कि जो धन-संपत्ति की इच्छा से रहित हो जाता है, जिसे सांसारिक पदार्थों के प्रति किंचित भी आसक्ति नहीं रहती, जिसे लोभ-मोह छू तक नहीं गया है, वही पूर्ण संयमी और साधुता का पात्र है।

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Sunday, July 14, 2013

पूजा के बाद क्यों जरूरी है आरती ?


घर हो या मंदिर, भगवान की पूजा के बाद घड़ी, घंटा और शंख ध्वनि के साथ आरती की जाती है। बिना आरती के कोई भी पूजा अपूर्ण मानी जाती है। इसलिए पूजा शुरू करने से पहले लोग आरती की थाल सजाकर बैठते हैं। पूजा में आरती का इतना महत्व क्यों हैं इसका उत्तर स्कंद पुराण में मिलता है। इस पुराण में कहा गया है कि अगर कोई व्यक्ति मंत्र नहीं जानता, पूजा की विधि नहीं जानता लेकिन आरती कर लेता है तो भगवान उसकी पूजा को पूर्ण रूप से स्वीकार कर लेते हैं।


आरती का धार्मिक महत्व होने के साथ ही वैज्ञानिक महत्व भी है। याद कीजिए आरती की थाल में कौन कौन सी वस्तुओं का प्रयोग किया जाता है। आपके जेहन में रुई, घी, कपूर, फूल, चंदन जरूर आ गया होगा। रुई शुद्घ कपास होता है इसमें किसी प्रकार की मिलावट नहीं होती है। इसी प्रकार घी भी दूध का मूल तत्व होता है। कपूर और चंदन भी शुद्घ और सात्विक पदार्थ है।



जब रुई के साथ घी और कपूर की बाती जलाई जाती है तो एक अद्भुत सुगंध वातावरण में फैल जाती है। इससे आस-पास के वातावरण में मौजूद नकारत्मक उर्जा भाग जाती है और सकारात्मक उर्जा का संचार होने लगता है।



आरती में बजने वाले शंख और घड़ी-घंटी के स्वर के साथ जिस किसी देवता को ध्यान करके गायन किया जाता है उसके प्रति मन केन्द्रित होता है जिससे मन में चल रहे द्वंद का अंत होता है। हमारे शरीर में सोई आत्मा जागृत होती है जिससे मन और शरीर उर्जावान हो उठता है। और महसूस होता है कि ईश्वर की कृपा मिल रही है। 
SABHAAR -AMARUJALA


शरीर पर गिरे छिपकली, तो स्नान करना क्यों है जरूरी ?


घर की दीवारों पर आपने छिपकली को जरूर देखा होगा। कभी कभी यह अचानक दीवार से गिर भी जाती है। संयोगवश अगर यह आपके शरीर पर गिर जाए तो कई तरह की आशंकाएं मन में उठने लगती है। बड़े-बुजुर्ग कहते हैं कि छिपकली अगर शरीर पर गिर जाए तो तुरंत स्नान कर लेना चाहिए अन्यथा अनहोनी घटनाओं का सामना करना पड़ता है।

बड़े-बुजुर्गों का ऐसा कहना उचित भी है क्योंकि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी यह साबित होता है कि छिपकली का शरीर पर गिरना खतरनाक है। इससे रोग की संभावना रहती है। इसका कारण यह है कि छि‍पकली 'कार्डेटा समूह' के 'फाइलम' वर्ग की जीव है। इस वर्ग के कुछ जीव अपने शरीर में बने जहर (यूरि‍क एसि‍ड) को अपनी चमड़ी पर जमा कर लेते हैं। इस वजह से यह सुरक्षि‍त भी रहते हैं।

जब कभी छि‍पकली किसी के शरीर पर गि‍रती है तो अपने शरीर का जहर उसकी त्‍वचा पर छोड़ देती है। यह जहर बाद में रोम छि‍द्रों से शरीर के भीतर जाकर घाव का रूप ले लेता है। इसीलि‍ए कहा जाता है कि शरीर पर छि‍पकली ‍गिरे तो स्नान कर लेना चाहि‍ए। इस संदर्भ में कई जगह पूजा का भी विधान है।

पूजा में तुलसी के पत्ते का होना अनि‍वार्य है। इसका कारण ये है कि तुलसी में कई औषधीय गुण पाए जाते हैं। प्रसाद के तौर पर तुलसी ग्रहण करने पर घाव होने की आशंका काफी कम हो जाती है।

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मांगलिक कार्यों में आम के पत्तों का प्रयोग क्यों?


आम का मौसम अब अपने अंतिम पड़ाव पर है। कुछ दिनों बाद हो सकता है आप बाजार में आम देखें भी नहीं लेकिन आम के पत्ते आपको साल भर बाजार में फूल माला बेचने वालों के पास दिख जाएंगे।

दरअसल आम के पत्ते मांगलिक कार्य के दौरान बड़े ही शुभ माने जाते हैं। इसके बिना कोई भी शुभ कार्य पूरा नहीं होता है चाहे गृह प्रवेश हो, विवाह अथवा पूजन। गृह प्रवेश एवं हवन के मौके पर तो आम के पत्तों का तोरण भी लगाया जाता है।

इसका धार्मिक कारण होने के साथ ही वैज्ञानिक आधार भी है। धार्मिक मान्यता के अनुसार आम हनुमान जी का प्रिय फल है। इसलिए जहां भी आम और आम का पत्ता होता है वहां हनुमान जी की विशेष कृपा बनी रहती है। इसलिए बुरी शक्तियां एवं नकारात्मक ऊर्जा शुभ कार्य में बाधा नहीं डाल पाती हैं। आम के पत्तों का शुभ कार्य में प्रयोग का कारण यह भी है कि मनुष्य का प्रकृति से साथ संबंध बना रहे।

यह घटना नहीं होती तो आम विदेशों से आता

दूसरी तरफ वैज्ञानिक दृष्टि के अनुसार आम का पत्ता गुणों की खान है। इसके पत्तों में डायबिटीज को दूर करने की क्षमता है। कैंसर और पाचन से संबंधित रोग में भी आम का पत्ता गुणकारी होता है। यानी स्वास्थ्य की दृष्टि से आम का पत्ता लाभदायक होता है।

आमतौर जब आप किसी उत्सव अथवा पूजा-पाठ का आयोजन करते हैं तब चिंता और तनाव बढ़ जाता है कि काम सफलतापूर्वक पूरा हो पाएगा या नहीं। आम के पत्तों में मौजूद विभिन्न तत्व चिंता और तनाव को दूर करने में सहायक होते हैं। इसलिए भी मांगलिक कार्यों में आम के पत्तों का प्रयोग किया जाता है।
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Saturday, February 9, 2013

आप और तिल सन् 2013

शरीर पर तिल होने का फल
माथे पर - बलवान हो
ठुड्डी पर - स्त्री से प्रेम न रहे दोनों बांहों के बीच--यात्रा होती रहे
दाहिनी आंख - पर स्त्री से प्रेम
बायीं आंख पर - स्त्री से कलह रहे
दाहिनी गाल पर - धनवान हो
बायीं गाल पर - खर्च बढता जाए
होंठ पर - विषय-वासना में रत रहे
कान पर - अल्पायु हो
गर्दन पर - आराम मिले
दाहिनी भुजा पर - मान-प्रतिष्ठा मिले
बायीं भुजा पर - झगडालू होना
नाक पर - यात्रा होती रहे
दाहिनी छाती पर - स्त्री से प्रेम रहे
बायीं छाती पर - स्त्री से झगडा होना
कमर में - आयु परेशानी से गुजरे
दोनों छाती के बीच - जीवन सुखी रहे
पेट पर - उत्तम भोजन का इच्छुक
पीठ पर - प्राय: यात्रा में रहा करे
दाहिने हथेली पर - बलवान हो
बायीं हथेली पर - खूब खर्च करे
दाहिने हाथ की पीठ पर - धनवान हो
बाएं हाथ की पीठ पर - कम खर्च करे
बाएं हाथ की पीठ पर - कम खर्च करे
दाहिने पैर में - बुद्धिमान हो
बाएं पैर में - खर्च अधिक हो

सफलता का पैमाना


Criteria for Success
           सफलता का पैमाना

सफल मनुष्य हर बार गिरकर उठते रहते हैं। वे कर्म-पथ पर अग्रसर ही रहते हैं। विफलता उनको एक नया पाठ पढ़ाकर चुनौती के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है। थोड़ा ऊंचा सुनने वाले और अध्ययन के योग्य न होने के कारण स्कूल से निष्कासित कर दिए जाने वाले थॉमस एडिसन ने अनेक बार विफल रहने के बाद विद्युत-बल्ब का आविष्कार किया था। 40 वर्ष की अवस्था में हेनरी फोर्ड ने दिवालिया हो जाने के बाद भी पहली बार कार बनाई थी। क्या वे सफल व्यक्ति नहीं थे? अब्राहम लिंकन के जीवन में सिर्फ विफलताएं भरी पड़ी थीं, परंतु अंतत: 52 वर्ष की अवस्था में वह अमेरिका के राष्ट्रपति निर्वाचित किए गए थे। जिंदगी में विफलता तो मिलेगी ही। विफलता सफलता की जननी है। आज की भाषा में यों कहें कि यह एक 'ड्राइविंग' फोर्स बनती है, जो सफलता की गाड़ी चलाने में सहायता करती है। हर विफलता के बाद हमें स्वयं से प्रश्न करने होंगे- इस घटना में हमने क्या पाया और क्या खोया? हर किसी के जीवन में सफलता मिलने और न मिलने के क्षण आते हैं।
जहां सफलता ही किसी को प्रसन्नता प्रदान करती है वहीं असफलता अप्रसन्नता और अवसाद का कारण बनती है। कुछ लोग स्वयं को दुनिया का सबसे हतभाग व्यक्ति मानकर चिंताग्रस्त हो जाते हैं। धीरे-धीरे, चिंता की यह प्रवृति उनके व्यक्तित्व पर इस तरह प्रभावी हो जाती है कि उनके जीवन का प्रत्येक पक्ष 'कृष्णपक्ष' बनकर रह जाता है। रही बात भाग्य की तो यह जान लीजिए कि तथाकथित भाग्य आपके कर्म पर निर्भर करता है। सफलता भाग्य से नहीं प्राप्त होती, अपितु विश्वास के साथ की गई समुचित कार्ययोजना की तैयारी, इच्छाशक्ति और प्रतिबद्घता के बल पर अर्जित की जाती है। आपको चिंताग्रस्त नहीं होना है। आपको इस सत्य से साक्षात् करना होगा कि 'भाग्य' का अस्तित्व नहीं होता, मनुष्य अपनी अयोग्यता और शक्ति की हीनता पर आवरण डालने का उपक्रम करने के लिए तथाकथित भाग्य को बैसाखी के रूप में 'इस्तेमाल' करता है। जब तक नकारात्मकता के स्थान पर सकारात्मकता की स्थापना नहीं होगी तब तक सफलता हमसे दूर है।
[डॉ. पृथ्वीनाथ पांडेय]

Sunday, January 6, 2013

दिल की सुनने में आने वाले 7 challenges !

हम  अक्सर  सुनते  हैं  कि  हमें  अपने  दिल की सुननी चाहिए …जिस  काम  में  मन  लगे  वो  करना  चाहिए …अपने  passion को  follow करना  चाहिए …, उसी को अपना career बनाना चाहिए …etc.  ये  बातें  बिलकुल  सही  हैं , मैंने  खुद  भी  अपने  कुछ  articles में  इन चीजों पर जोर दिया है ,  पर एक सच ये भी है कि  हममे  से  ज्यादातर  लोग  ऐसा  नहीं  करते. तो सवाल उठता है कि क्यों ज्यादातर लोग लाइफ में जो आसानी से मिल जाता है उसे ही अपनी किस्मत मान लेते हैं और  बस  यूँही  सस्ते  में  अपनी  ज़िन्दगी  बिता  देते  हैं ?
ऐसा शायद   इसलिए  होता  है  क्योंकि  दिल  की  सुनना   आसान  नहीं  होता …इसमें  कई  challenges आते  हैं , और  आज  मैं  ऐसे  ही  कुछ  challenges के  बारे में  आपसे  अपनी  thoughts share कर  रहा  हूँ .  इन्हें  share करने  का  मेरा  motive ये  है  कि  यदि  आप  उनमे  से  हैं  जो   अपने  सपनो   को  पूरा  करने  में  लगे  हैं  या future में लगने वाले हैं तो   इन  challenges से  घबराएं  नहीं …आप  अकेले  इनका  सामना  नहीं  कर  रहे  हैं …आपकी  gene का  हर  आदमी  more or less in challenges को  face करता है ,  कुछ इनके आगे निकल  जाते  हैं तो कुछ हार मान लेते  हैं. अब ये आप पर depend करता है कि आप क्या करते हैं!!!
तो आइये जानते हैं इन 7 challenges को :
1)      Society का  opposition:
यदि  आपका  passion लीक  से   हटकर  हो  तो  आप  को  समाज  के  विरोध  के  लिए  तैयार  रहना  चाहिए . सबसे  ज्यादा  opposition तो  आपकी  family से  ही  हो सकता है …क्योंकि  वही  आपकी   सबसे  अधिक  चिंता  करते  हैं . ख़ास  तौर  पर  middle class families जहाँ  job को  ही  सबसे  safe माना  जाता  है  वहां  यदि  आप  कुछ  entrepreneurial करने  का  सोचते  हैं  तो  family आपके  खिलाफ  हो  जाती  है . उनका विरोध  human nature के इस fact को दर्शाता है कि हम unknown या  कुछ  नए  को  accept करने  से  डरते  हैं  ….पर  जब  आप  अपने  काम  में  लगे  रहते  हैं  तो  धीरे  धीरे  वही  लोग  आपकी  मदद  में  सामने  आ   जाते  हैं . इसलिए  इस  initial opposition को  part of process समझें  और  इससे  घबराये  नहीं . जहाँ  तक  हो  सके  बस  अपनी  family को  confidence में  लेने  का  प्रयास  करें , बाकियों  का  तो  सोचे  भी  नहीं .
2)      दोस्त  आगे  निकल  जाते  हैं :
सभी  का  अपना -अपना  friend circle होता  है , मौज – मस्ती  होती  है .. exam की  tension होती  है … हम  बड़े  होते  हैं  और  फिर  ज़िन्दगी  की  so called race में  लग  जाते  हैं …..ज्यादातर   लोग  conventional wisdom अपनाते  हुए , doctor ,engineer, सरकारी  नौकरी …etc के  चक्कर  में  लग जाते  हैं  और  देर -सबेर  इसमें  कामयाब  भी  हो  जाते  हैं . अगर  सचमुच  आप  दिल  से  यही  करना  चाहते  थे तो  इसमें  कोई  बुराई  नहीं  है ….दिल  की  सुनना  हमेशा ….singer , cricketer या  actor बनना ही नहीं  होता ….ये  Engineer, doctor बन  कर  देश  की  सेवा  करना  भी  हो  सकता  है .  और  एक  दूसरे  case में  भी  यह  करना  सही  है – जब  आप  clear नहीं  होते  की  आप  दरअसल  life में  करना  क्या  चाहते  हैं,  तो  भी  आप  यही  रास्ता  चुन सकते हैं  ..इसमें  कम  से  कम  आप  financially secure रहेंगे , जो  कि  बेहद  ज़रूरी  है .
Challenge तब  आता  है  जब  आप  अपने  life goals को  लेकर  clear होते  हैं , और  अपने  रास्ते  पर  निकल  पड़ते  हैं .  और  ऐसा  life की  किसी  भी stage में    हो  सकता  है , पहले  हो  जाता  है  तो  ठीक  है , पर  अधिकतर  ये  clarity थोड़ी  देर  से  आती  है  इसलिए  जब  आप  इस  दिशा  में  बढ़ते  हैं  तो  आप  पाते  हैं  कि  अभी  आपने  शुरुआत  भर  की  है  और  आपके  बाकी  दोस्त  conventional path follow करते  हुए  एक  well- settled life ( society की  नज़र  में ) की  तरफ  बढ़  चुके  हैं .  यहाँ  आपको  थोड़ी  उलझन  हो  सकती  है , आपके  मन  में  doubt आ  सकता  है  कि  आप  ही  की  उम्र  के  लोग  इतने  पैसे  कमा  रहे  हैं  और  आप  अभी  struggle ही  कर  रहे हैं …..ऐसा  लग  सकता  है  कि  आप  कहीं  गलती  तो  नहीं  कर  रहे  हैं , और  यहीं  पर  आपको  डंटे  रहना  है .
अपने  काम  में  believe करिए , इन  distractions की  life बहुत  छोटी  होती  है , अगर  आप  सचमुच  अपने  काम  को  लेकर  passionate हैं  तो  आप  जल्द  ही  इनसे  पार  पा  लेंगे .  जब  अमिताभ  बच्चन  को  27-28 साल  की  उम्र  में  पहली  बार   फिल्मो में  ब्रेक  मिला  था  तो  उस  वक़्त  तक  उनके  भी  बहुत  सारे  classmates अच्छी  नौकरियों  में   settle हो  चुके थे , ऐसे  में उनके  भी  अन्दर  सवाल  उठे  होंगे , पर  उन्होंने  उन  distractions को  खुद  पर  हावी  नहीं  होने  दिया  और  इतने  महान  अभिनेता  बने .
आप  भी  औरों   के  आगे  निकलने  से  परेशान  मत  होइए , ….लम्बी  race के  घोड़े  शुरू  में  धीमे-धीमे  ही  दौड़ते  हैं .
3)      सफलता  के  लिए  लम्बा  इंतज़ार :
कई  बार  लोग  कामयाबी  के  बहुत  करीब  पहुच  कर  हार  मान  लेते  हैं . आपको  ध्यान  देना  होगा  कि  आप  अपने  काम  को  अंजाम  तक  पहुचाएं , किसी  भी  काम  को  करने  में  time तो  लगता  ही  है  और  जब  काम  बड़ा  हो  तो  समय  भी  बड़ा  लगता  है .
Kentucky Fried Chicken (KFC) के founder Colonel Sanders ने जब अपनी business idea के लिए लोगों को convince करना चाहा तो उन्हें हज़ार से भी  अधिक बार ना सुननी पड़ी. वह अपनी कार में एक शहर से दूसरे शहर घूमते रहे और restaurant मालिकों से मिलते रहे , और इस दौरान कई बार उन्हें अपनी कार में ही सोना पड़ता था. पर इतनी ना सुनने के बाद भी उन्हें अपनी चिकन बनाने की secret recipe पर यकीन था और देर से ही सही पर उन्हें सफलता मिली और आज KFC दुनिया भर में एक successful brand के रूप में जाना जाता है.
4)      आपके  दिल  का  काम  financially rewarding ….नहीं  भी  हो  सकता  है  :
May be आप  जिस  चीज  को  लेकर  passionate हैं  वो  आपको  satisfaction तो  दे  पर  उतने  पैसे  ना दे . For example आप  as a social activist काम  करना  चाहते  हों , या  किसी  NGO के  लिए  अपना  time देना  चाहते  हों .  तो  ऐसे  में  आपको  पहले  से  अपना  mind make-up कर  के  रखना  होगा  कि  आप  वो  पा  रहे  हैं  जो  पैसे  से  नहीं  पाया  जा  सकता  और  इसी  सोच  के  साथ  आपको  अपने  काम  में  लगे  रहना  होता  है .
यहाँ  मैं एक  चीज  ज़रूर  कहना चाहूँगा  कि  ऐसी  fields में  भी  जब  आप  fully involved हो  कर  काम  करते  हैं  तो  देर -सबेर  आपको  financially भी  इसका  reward मिलता  है , आप  निःस्वार्थ  भाव  से  अपने  काम  में  लगे  रहिये  आपका  काम  ही  आपका  reward है .
5)      Boredom:
 ऐसा भी  होता  है  कि आप   जिस  चीज को  करना बहुत अधिक  पसंद  करते  हैं  उसी  को  करने  में  बोरीयत  होने  लगे , ऐसे  में  आपको  ये  नहीं  सोचना  चाहिए  कि  आपका  passion ख़तम  हो  गया  है  बल्कि  अपने  काम  को  interesting बनाने  के  लिए  नए  तरीके  और  ideas खोजने  चाहिए . कुछ  दिन  में  खुद -बखुद  boredom ख़तम  हो  जायेगा  और  आप  फिर  से  उसी  जोशो -जूनून  के  साथ  अपने  dream को  pursue कर  पायेंगे .
इतना  ध्यान  रखिये  कि  अपने  दिल  की  सुनने  वाला  हर एक  सफल  व्यक्ति  कभी  ना  कभी  इस  phase से  गुजरता  है  इसलिए  अगर  आप  भी  इस  phase से  गुजरें तो  just be relaxed….ये  भी  सफलता   के  मार्ग  में  आने  वाले  एक  पड़ाव  भर  है .
6)      Focus loose करना  :
I think ये  सबसे  बड़ा  challenge है  जो  ज्यादातर  सपनो  को  पूरा  नहीं  होने  देता . मेरी तरह आपने भी कई  बार  लोगों  को  यह  कहते   सुना होगा   कि  , “ Well begun is half done….पहला  step लेना  ही  सबसे  कठिन  है  उसके  बाद  सब  हो  जाता  है ….etc” पर  मुझे  लगता  है  कि  पहला  step लेना  आसान  है , आप  कोई  भी  काम  कुछ  effort डाल  कर  शुरू  कर  सकते  हैं …कठिन  तो  उसे  पूरा करना है, उसमे सफलता पाना है.
होता  क्या  है  कि  आप  पूरी  energy के  साथ  अपने  दिल  के  कहे  रास्ते  पर  बढ़ते  हैं  , पर  कुछ दूर  जाने  के  बाद  ही  आपको  कई  नए  alternatives दिखने  लगते  हैं ….आपके  मन  में  आने  लगता  है  कि  शायद  ये  काम  छोड़  कर  वो  करें  तो  ज्यादा  अच्छा  रहेगा … फिर  आप  जो  कर  रहे  होते  हैं  उसमे  आपका  focus कम  होने  लगता  है …आप  दूसरी  idea की  तरफ  attract होने  लगते  हैं …और  ऐसा  करने  से  आप  जो  कर  रहे  होते  हैं  उसमे  भी  आप  अपना  100% नहीं  दे  पाते  हैं  and ultimately success से  दूर  रह  जाते  हैं . इसलिए  ज़रूरी  है  कि  आप  अपने  आगाज़  को  अंजाम  तक  पहुंचाएं , बीच  में  अपना  focus ना  loose करें .
स्वामी विवेकानंद ने  भी  सफल  होने  के  लिए  यही  मन्त्र  दिया  है , “
“ एक विचार लो . उस  विचार  को  अपना जीवन  बना  लो - उसके  बारे  में  सोचो  उसके  सपने  देखो , उस  विचार  को  जियो  . अपने मस्तिष्क , मांसपेशियों , नसों , शरीर  के  हर  हिस्से  को  उस विचार में  डूब  जाने  दो , और  बाकी  सभी विचार  को  किनारे  रख  दो . यही सफल  होने  का तरीका  है.”
7)      आपको  ये  पता  चलना  कि  आप  जो  कर  रहे  हैं  वो  आपका  passion नहीं  है :
Shockingggg !!! लेकिन  ये  एक  बहुत  ही  common  scenario है, भले ही आप खुद इसे accept करने से कतराएं  .
हर  दिन  हर  पल  हम  बदल  रहे  हैं , हम  तब  तक  अपनी  true liking नहीं  जान  पाते  जब  तक  हम  उस  काम  को  practically कर  के  नहीं  देखते . हम  कोई  article पढ़  के , कोई  program देख  के, किसी  दोस्त  के  influence में , या  किसी  और  वजह  से  किसी  काम  को   अपना  passion समझ  लेते  हैं  और  उसे  करना  शुरू  करते  हैं  पर  कुछ  दिनों  बाद  ही  हम उस  काम  से  उबने  लगते  हैं , to the extent that हम  उसे  करना  ही  नहीं  चाहते . यह  कुछ  कुछ  Boredom जैसा  ही  है  पर  ये  boredom का  बहुत बड़ा और बिगड़ा हुआ रूप  है  जिसमे  आप  धीरे -धीरे  उस  काम  को  ना  करने  के  excuses खोजने  लगते  हैं .
जब  ऐसा  हो  तो  क्या  करें ? Simple, अपने  नए  passion की  तालाश  शुरू  करें , और  उसे  भी  practically apply करके  देखें , और  अगर  इस  बार  भी  आपको  लगे  कि ये आपके  दिल  की  आवाज़  नहीं  है  तो  फिर  अपने  असली  जूनून  को  खोजने  में  जुट  जाएं .  ये  जीवन  भर  बेमन  का  काम  करने  से  अच्छा  है  कि  देर  से  ही  सही  पर  आप  अपना  passion खोज  पाएं , और  जब  तक  आपको  यह  नहीं  मिलता  तब  तक  खुद  को  financially support करने  के  लिए  कुछ  और  भी  करते  रहे ,may be a 9 to 5 job…tuition पढ़ाना …family business….etc, पर  अपने  passion की  तालाश   को  रोकें  नहीं …उसे  खोज  निकालें …एक दिन यही  खोज  आपको  mediocre life से निकाल  कर  superior life की  तरफ  ले जायेगी.
Friends, तो  ये  थे  वो  सात  challenges जो  आमतौर  पर  आपको   दिल  की  आवाज़  सुनने   में  face करने  पड़ सकते  हैं , पर ध्यान रहे कि ये  कोई  comprehensive list नहीं  है  , इसके  आलावा  भी  कई  और  challenges हैं  जो  आपके  सामने  आ  सकते  हैं  , जैसे  कि  पैसों  की  कमी , परिवार  की  जिम्मेदारी , etc. पर  इन  सब  के  बावजूद passionate लोग  वो  सब  कुछ  कर  गुजरते  हैं  जो  वो  करना  चाहते  हैं ….आप  भी  इन  challenges की  वजह  से  अपने  जोश  को  ठंढा  मत  पड़ने  दीजिये  और  अपने  dreams को  reality बना  कर  दिखाइए , तभी  जीने  का  असली  मजा  है .
All the best :) 

SABHAAR-

Wednesday, December 5, 2012


प्रकृति से लें प्रेरणा

जीवन में ज्ञान और प्रेरणा कहीं से भी एवं किसी से भी मिल सकती है। मित्रों आज मैंने एक कविता पढ़ी , पढकर लगा कि प्रकृति ऐसे अंनत कारणों से भरी हुई है, जो हमें सिखाती है कि जीवन हरपल आनंद से सराबोर है। नदियों का कल कल करता संगीत, झूमते गाते पेङ, एवं छोटे छोटे जीव हमें सिखाते हैं कि जीवन को ऐसे जियो कि जीवन का हर पल खुशियों की सौगात बन जाये।
मैं आपके साथ भी वह कविता बांटना चाहुँगी:
कुकङु कू कहता मुर्गा, जागो जागो ओ नादान
शीध्र सवेरे उठने वाला, पाता है बल विद्यामान।
कू-कू करती कहती कोयल, मीठी बात हमेशा बोल
मेल जोल ही बङी चीज है, कभी न लेना झगङा मोल।
चीं-चीं करती कहती चिङिया हमको बारंबार
संघटन में शक्ती है बङी, दुश्मन जाता जिससे हार।
उपरोक्त कविता में कितनी आसानी से जीव जंतुओं ने अपनी अच्छाईयों से जीवन को संवारने का संदेश दिया है। ऐसे कई जीव हैं जो हमे सकारात्मक जीवन की प्रेरणा देते हैं। कुनबे के साथ रहने वाली चींटी, संर्घष और मेहनत का सजीव उदाहरण है। डॉ. हरिवंश राय बच्चन जी ने अपनी कविता हिम्मत करने वालों की हार नही होती के माध्यम से चीटियों के संर्घष को बहुत ही खूबसूरती से परिलाक्षित किया है।
नन्ही चींटी जब दाना लेकर चलती है,
चढती दिवारों पर सौ बार फिसलती है,
मन का विश्वास रगों में साहस भरता है,
चढ कर गिरना, गिरकर चढना न अखरता है
आखिर उसकी मेहनत बेकार नही होती ,
कोशिश करने वालों की हार नही होती।
चीटियाँ सिखाती हैं कि स्वयं पर भरोसा रखें। दस में से नौ बार असफल होने के बाद भी हारने के बजाय दोगुने परिश्रम से प्रयास करना ही जीत है। बिना किसी खौफ और रुकावट के आसमान की ऊँचाइयों को छूते बाज के हौसले हमें सिखाते हैं कि राह में आने वाली अङचनों को नये अनुभव का आधार माने। ऊँची सोच रखें, सारा आकाश आपका है।
आत्मसम्मान के साथ जीने का साहस पपीहा एवं राजहंस से सीखा जा सकता है। आत्मविश्वास से लबरेज ये जीव, परिस्थिती से जूझने व आगे बढने की शिक्षा देते हैं। सर्वदा सत्य है कि उत्साह समस्त प्रगती का स्रोत है। मधुमक्खियों की दिनचर्या इस बात का जीता जागता उदाहरण है।
शोधकर्ताओं द्वारा किये अध्ययन से ये साबित हो गया है कि सुबह मधुमक्खियों की पराग इक्कठा करने की क्षमता बेहतर होती है। उङने वाले कीटों में ये सबसे अधिक उपयोगी है। इसकी खासियत है कि ये अपनी रक्षा के लिये हर चुनौती का सामना दिलेरी से करती है। इसका छत्ता प्राकृतिक इंजीनियरिंग का बेजोङ नमूना है। शहद बनाने के कौशल के साथ-साथ यह परागण में मदद कर परहित कार्य भी करती है। इनका जीवन हमें संदेश देता है कि यदि हममे उत्तसाह है तो हम कुछ भी कर सकते हैं। उत्साह है तो सफलता है।
कुछ समय पहले की घटना है। ब्रीटेन में एक बच्चा फिनले, मस्तिष्कघात का शिकार हो गया था। डॉ. के अनुसार वे ताउम्र अपने पैरों पर खङा नही हो सकता था। एक दिन उसकी माँ उसके लिये एक बतख का बच्चा ले कर आई किन्तु संयोगवश उसके पैर में कुछ दिक्कत थी। बतख को पशु चिकित्सक को दिखाया गया। चिकित्सक ने हड्डी जोङने के लिये बतख के पैर में लकङी का टुकङा बाँध दिया। फिनले और बतख की दोस्ती हो गई। फिनले बतख की चाल को बङे गौर से देखता और उसकी नकल कर चलने की कोशिश भी करता। परिणाम ये हुआ की बच्चा चलने लगा।
ऐसी अनगिनत कहानियाँ हैं, जिनमें छोटे-छोटे जीव जन्तुओं ने इंसान के जीवन को अपनी अच्छाइयों से खुशनुमा बना दिया है। मित्रों, यदि हमें जीवन में सफलता के स्वर्णिम सोपानों पर चढना है तो प्रकृति की सभी रचना को सकारात्मक दृष्टीकोंण से देखना चाहिये क्योंकि ऐसा कोई अक्षर नही है, जो मंत्र न हो, ऐसा कोई पौधा नही जो औषधी न हो, ऐसा कोई जीव नही जो जीवन की सच्चाईयों से हमें रूबरू न कराता हो।
प्रकृती का कण-कण जिंदगी की सच्चाई को बंया करता है, जिसे जीवन में अपनाकर जिंदगी को खुशनुमा एवं आनंदमय बना सकते हैं।

Tuesday, July 10, 2012

BAD EFFECTS OF SMOKING
















Disadvantages of Smoking - Bad Effects of Smoking


The ingredients of tobacco smoke are chemically active. They can start dramatic and fatal changes in the body. There are over 4,000 chemicals, which can be damaging to the smoker's body. They include tar, carbon monoxide, nitrogen oxides, hydrogen cyanide, metals, ammonia, and radioactive compounds.

Disadvantages & Bad Effects of Smoking

Scientists and doctors know so much more about the effects of smoking today than ever before. They know smoking causes immediate effects on the smoker's body. It constricts the airways of the lungs. It increases the smoker's heart rate. It elevates the smoker's blood pressure. The carbon monoxide in tobacco smoke deprives the tissues of the smoker's body of much-needed oxygen. All of these are dangerous short-term effects.
There are more serious long-term effects as well. Smoked tobacco in the forms of cigarettes, pipes, and cigars causes lung cancers, emphysema, and other respiratory diseases. In fact, smoking causes ninety percent of all lung cancer cases. Twenty percent of heavy smokers get the chronic lung disease called emphysema, which causes the narrowing, and clogging of the airway passages in the lungs. This disease is seldom seen in nonsmokers. Smokers are also at least four times more likely to develop oral and laryngeal cancer than nonsmokers.
Smoking contributes to heart disease. It increases the risk of stroke by nearly 40% among men and 60% among women. Smoking is an addiction. Tobacco smoke contains nicotine, a drug that is addictive and can make it very hard, but not impossible, to quit. More than 400,000 deaths in the U.S. each year are from smoking-related illnesses. Smoking greatly increases your risks for lung cancer and many other cancers.
Smoking harms not just the smoker, but also family members, coworkers and others who breathe the smoker's cigarette smoke, called secondhand smoke.
Among infants to 18 months of age, secondhand smoke is associated with as many as 300,000 cases of bronchitis and pneumonia each year. Secondhand smoke from a parent's cigarette increases a child's chances for middle ear problems, causes coughing and wheezing, and worsens asthma conditions.
If both parents smoke, a teenager is more than twice as likely to smoke as a young person whose parents are both non-smokers. In households where only one parent smokes, young people are also more likely to start smoking.
Pregnant women who smoke are more likely to deliver babies whose weights are too low for the baby's good health. If all women quit smoking during pregnancy, about 4,000 new babies would not die each year.

Why Quit Smoking?

Qdition caused by smoking.
uittinse, stroke, other lung diseases, and other respiratory illnesses. Ex-smokers have better health than current smokers. Ex-smokers have fewer days of illness, feweQuitting smoking saves money. A pack-a-day smoker, who pays $2 per pack can, expect to save more than $700 per year. It appears that the price of cigarettes will continue to rise in coming years, as will the financial rewards of quitting.
g smoking makes a difference right away - you can taste and smell food better. Your breath smells better. Your cough goes away. This happens for men and women of all ages, even those who are older. It happens for healthy people as well as those who already have a disease or conQuitr health complaints, and less bronchitis and pneumonia than current smokers.
ting smoking cuts the risk of lung cancer, many other cancers, heart diseaQuitting smoking may be hard but not impossible and remember where there is a will there is a way.
Check out the information below to view the list of Bad Effects of Smoking.

Harmful Effects of Smoking

  • The harmful health effects of smoking cigarettes presented in the list below only begin to convey the long term side effects of smoking. Quitting makes sense for many reasons but simply put "smoking is bad for your health".
  • Smokng Kills - Every year hundreds of thousands of people around the world die from diseases caused by smoking cigarettes. One in two lifetime smokers will die from their habit. Half of these deaths will occur in middle age.
  • Tobacco smoke also contributes to a number of cancers.
  • The mixture of nicotine and carbon monoxide in each cigarette you smoke temporarily increases your heart rate and blood pressure, straining your heart and blood vessels.
  • This can cause heart attacks and stroke. It slows your blood flow, cutting off oxygen to your feet and hands. Some smokers end up having their limbs amputated.
  • Tar coats your lungs like soot in a chimney and causes cancer. A 20-a-day smoker breathes in up to a full cup (210 g) of tar in a year.
  • Changing to low-tar cigarettes does not help because smokers usually take deeper puffs and hold the smoke in for longer, dragging the tar deeper into their lungs.
  • Carbon monoxide robs your muscles, brain and body tissue of oxygen, making your whole body and especially your heart work harder. Over time, your airways swell up and let less air into your lungs.
  • Smoking causes disease and is a slow way to die. The strain of smoking effects on the body often causes years of suffering. Emphysema is an illness that slowly rots your lungs. People with emphysema often get bronchitis again and again, and suffer lung and heart failure.
  • Lung cancer from smoking is caused by the tar in tobacco smoke. Men who smoke are ten times more likely to die from lung cancer than non-smokers.
  • Heart disease and strokes are also more common among smokers than non-smokers.
  • Smoking causes fat deposits to narrow and block blood vessels which leads to heart attack.
  • Smoking causes around one in five deaths from heart disease.
  • In younger people, three out of four deaths from heart disease are due to smoking.
  • Cigarette smoking during pregnancy increases the risk of low birth weight, prematurity, spontaneous abortion, and perinatal mortality in humans, which has been referred to as the fetal tobacco syndrome.

How Smoking Affects the Body

There's hardly a part of the human body that's not affected by the chemicals in the cigarettes you smoke. Let's take a tour of your body to look at how smoking affects it.
As a smoker, you're at risk for cancer of the mouth. Tobacco smoke can also cause gum disease, tooth decay and bad breath. The teeth become unsightly and yellow. Smokers may experience frequent headaches. And lack of oxygen and narrowed blood vessels to the brain can lead to strokes.
Moving down to your chest, smoke passes through the bronchi, or breathing tubes. Hydrogen cyanide and other chemicals in the smoke attack the lining of the bronchi, inflaming them and causing that chronic smoker's cough. Because the bronchi are weakened, you're more likely to get bronchial infections. Mucus secretion in your lungs is impaired, also leading to chronic coughing. Smokers are 10 times as likely to get lung cancer and emphysema as nonsmokers.
The effects of smoking on your heart are devastating. Nicotine raises blood pressure and makes the blood clot more easily. Carbon monoxide robs the blood of oxygen and leads to the development of cholesterol deposits on the artery walls. All of these effects add up to an increased risk of heart attack. In addition, the poor circulation resulting from cholesterol deposits can cause strokes, loss of circulation in fingers and toes and impotence.
The digestive system is also affected. The tars in smoke can trigger cancer of the esophagus and throat. Smoking causes increased stomach acid secretion, leading to heartburn and ulcers. Smokers have higher rates of deadly pancreatic cancer. Many of the carcinogens from cigarettes are excreted in the urine where their presence can cause bladder cancer, which is often fatal. High blood pressure from smoking can damage the kidneys.
The health effects of smoking have results we can measure. Forty percent of men who are heavy smokers will die before they reach retirement age, as compared to only 18 percent of nonsmokers. Women who smoke face an increased risk of cervical cancer, and pregnant women who smoke take a chance with the health of their unborn babies.
But the good news is that when you quit smoking your body begins to repair itself. Ten years after you quit, your body has repaired most of the damage smoking caused. Those who wait until cancer or emphysema has set in are not so lucky - these conditions are usually fatal. It's one more reason to take the big step and quit smoking now.
Many smokers do not realize that there are actually substance abuse treatment programs designed to help them quit the bad habit of smoking.